कोर्ट ने कहा है कि अभियुक्त को मिली अग्रिम जमानत का आदेश ब्लैंकेट (सभी मामलों में समान) नहीं हो सकता, यानी कोई अभियुक्त अग्रिम जमानत मिलने के बाद दूसरा अपराध करके गिरफ्तारी से छूट के अग्रिम जमानत के आदेश का सहारा नहीं ले सकता। अग्रिम जमानत का आदेश एक निश्चित अपराध और घटना तक सीमित होता है जिसमें गिरफ्तारी की आशंका जताते हुए संरक्षण लिया गया था। यह संरक्षण भविष्य की घटनाओं या अपराधों पर लागू नहीं होगा।
अग्रिम जमानत का आदेश ब्लैंकेट नहीं हो सकता